सागवाड़ा। नगर के दिगंबर जैन समाज की ओर से पर्युषण पर्व के समापन पर दो दिवसीय रथोत्सव मेला सोमवार को शुरू हुआ। जिसमें समाज के सेठ महेश कुमार नोगमिया व ट्रस्टीज के सानिध्य में समाज के सैंकड़ों महिला, पुरुष व बच्चों की उपस्थिति में पहले दिन शाम को आदिनाथ दिगंबर जैन सेठों के मंदिर से काष्ट निर्मित कलात्मक एक रथ की नगर में शोभायात्रा निकाली।
रजत छत्रों, नारियल व पुष्पों से सुसज्जित रथ को चार बड़े पहियों की रथगाड़ी पर निकाली गई । इसके लिए नये वाहन बनवाये गये थे। इस वाहन पर वसा रथ को रखा गया । जैन अजैन श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए। रथ के पार्श्वनाथ चौक और मांडवी चौक पर पहुंचने पर जैन समाज के युवक और युवतियों ने डांडिया रास -खेला। रथ द्वारिकाधीश मंदिर और पोल का कोठा होते हुए देर शाम को इंदिरा कॉलोनी के पास मसानिया तालाब के किनारे पर पहुंचा।
जहां पूजन और आरती के बाद वापस इसी मार्ग से होते हुए देर रात को वापस गांधियों के मंदिर पहुंचा। रथ यात्रा में जैन समाज के साथ ही विभिन्न समाजों के लोग भी शामिल रहे। इधर, रथोत्सव मेले में बाहर से आए व्यापारियों ने बाजार में सड़क के किनारों पर अपनी दुकानें लगाई हैं।
जूना मंदिर से मांडवी चौक और पोल का कोठा तक सड़क के दोनों तरफ लगी अस्थाई दुकानों व स्टॉल पर घरेलू सामान, खिलौने, श्रृंगार सामग्री, मिट्टी के बर्तन, लकड़ी से बने घरेलू उपयोग के साजो सामान समेत कई तरह की चीजों की लोगों ने जमकर खरीदारी की।
कल सुबह एक साथ चलेंगे दो रथ, शाम को होगा मिलन :
मंगलवार सुबह 4 बजे यही सेठों (गांधियों) के मंदिर का रथ और दूसरा आदिनाथ दिगंबर जैन जूना मंदिर से एक रथ निकलेगा। दोनों रथों की नगर में शोभायात्र साथ में शुरू होगी लेकिन दोनों के बीच एक निश्चित दूरी बनी रहेगी। दोनों रथ रात को बारी बारी से मसानिया तालाब की पाल पर पहुंचेंगे।
जहां तालाब के किनारे परम्परा से चले आ रहे एक निश्चित स्थान पर दोनों रथों का भव्य मिलन होगा। दोनों रथों के मिलन का अद्भुत नजारा देखने के लिए नगर सहित आसपास क्षेत्र से सैंकड़ों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। तालाब की पाल पर समाज के सेठ व ट्रस्टीज के सानिध्य में पूजन व आरती होगी।
उपवासकर्ता कोकिला जैन का पारणा समारोह कल
दिगम्बर जैन समाज सागवाड़ा से सोलह कारण पर्व के 16 उपवास कर्ता कोकिला धर्म पत्नि डॉक्टर विमल जैन के उपवास पूर्ण होने पर पारणा समारोह मंगलवार को सुबह में होगा।
प्रतिष्ठाचार्य विनोद पगारिया ने बताया कोकिला सेठ द्वारा 24 अगस्त के निराहार रह कर इस सोलह कारण व्रत की साधना की जा रही थी जो सोमवार को 16 उपवास के साथ पूर्ण हुई। पारणे के अवसर पर मंगलवार सुबह जिनालयो में निज आवास से बैण्ड बाजो के साथ शोभायात्रा के रूप में मन्दिर लाया जाएगा जहा पोसारा अष्ट द्रव्य भेट किया जाएगा। इसके बाद महामंत्र णमोकार स्मरण कर हस्त प्रक्षालन, मुख शुद्धि विधि के साथ पारणा सम्पन होगा।