सागवाड़ा ।लोहारिया तालाब सागवाड़ा नगर का सबसे बड़ा तालाब माना जाता है। यह करीब 116.13 बीघा में फैला हुआ है, लेकिन किनारों की सफाई नहीं होने से इसका स्वरूप गंदा दिख रहा है। भीखा भाई माही नहर बनने से पिछले कई सालों से यह तालाब नहीं भरता था। लेकिन इस बार तालाब में पानी की अच्छी आवक हुई है।
यह तालाब नगर से ऊंचाई पर स्थित होने से नगर के भूमिगत जल का प्रमुख साधन है। इस बार पूरा भरने से नगर क्षेत्र के जल स्त्रोत नलकूप, हेण्डपम्प व निजी कुओं का जल स्तर अच्छा रहेगा। लोहारिया तालाब सांस्कृतिक व धार्मिक दृष्टि से नगर वासियों के लिए विशेष महत्व रखता है।
नगर के विभिन्न सनातनी समाजों के धार्मिक- सामाजिक कार्य लोहारिया तालाब के किनारे पर किये जाते है। गंगोध्यापन जैसे बड़े आयोजन के लिए भी गंगाजल कलश यात्रा लोहारिया तालाब पर आती है। लेकिन लंबे समय से तालाब के किनारों व घाट की सफाई नहीं करवाई जा रही है। सफाई को लेकर नगरपालिका उदासीन रवैया अपना रही है। लोहारिया तालाब के किनारे पर शिव मंदिर, जल मंदिर जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल भी हैं।
यहां गणेशोत्सव में प्रतिमा विसर्जन का आयोजन भी होता है। ऐसे में धार्मिक, सांस्कृतिक व सामाजिक महत्व को देखते हुए लोहारिया तालाब के अंदर पसरी गंदगी और किनारों पर उग आई कंटीली झाड़ियों की सफाई के साथ ही किनारों पर फैले कचरे व गंदगी की सफाई कराने की दरकार है।