– संघ शताब्दी वर्ष : विजयदशमी पर्व का आयोजन,शस्त्र पूजन के बाद बौद्धिक हुआ
सागवाड़ा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में खडगदा मंडल की ओर से गाँव के नवरात्र चौक पर विजयदशमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर परंपरानुसार शस्त्र पूजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि ईश्वर भट्ट ने संघ की परंपरा और कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संघ ने व्यक्ति निर्माण के माध्यम से समाज को संगठित करने का काम किया है। संघ की शाखा केवल व्यायाम या अनुशासन की जगह नहीं, बल्कि यह व्यक्ति और समाज के सर्वांगीण विकास का माध्यम है।
विभाग प्रचारक विकास राज ने संबोधित करते हुए कहा कि एक समय भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था, लेकिन विदेशी आक्रमणों और सांस्कृतिक विघटन से देश की सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक शक्ति को कमजोर किया गया। ऐसे समय में अनेक युगपुरुषों ने राष्ट्र की चेतना को जगाने का कार्य किया। डॉ. हेडगेवार ने भी इसी उद्देश्य से संघ की स्थापना की।
उन्होंने कहा कि नागपुर की धरा से संघ की शाखा पद्धति प्रारंभ की गई, जिसके माध्यम से व्यक्ति निर्माण और समाज संगठन का कार्य आगे बढ़ा। संघ में व्यक्ति विशेष नहीं बल्कि भगवा ध्वज को गुरु रूप में स्वीकार किया जाता है। स्वयंसेवक उसी ध्वज को देखकर प्रेरित होते हैं।
विकास राज ने आगे कहा कि संघ ने समाज में जाति-भेदभाव को समाप्त करने और सभी को समान रूप से स्वयंसेवक के रूप में खड़ा करने का काम किया है। संघ की परंपरा स्वावलंबन और संगठन पर आधारित है।