ग्रामीणों के साथ पीने के पानी को तरसे मवेशी, मरोप गांव में कुंए सूखे, हैंडपंपों से निकल रही है हवा; जिम्मेदार हुए लापरवाह

डूंगरपुर/गर्मी के मौसम में पेयजल की किल्लत दूर करते हुए आमजन को राहत देने के लिए जिला प्रशासन और जलदाय विभाग के दावे खोखले साबित हो रहे है। ग्राम पंचायत धंबोला के राजस्व गांव मेरोप में ग्रामीण सहित पशुओं को विभागीय उदासीनता के चलते पीने के पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है।

धंबोला पंचायत के राजस्व गांव मेरोप की जनसंख्या 1200 के करीब है। यहां ग्रामीण हैंडपंप और कुओं के पानी पर ही निर्भर रहते है। गांव में पेयजल के लिए नल की कोई व्यवस्था नहीं है। इस साल बारिश की बेरुखी और भीषण गर्मी के कारण गांव के लगभग सभी हैंडपंपों का जल स्तर भी नीचे चला गया है। जिस वजह से हैंडपंप सिर्फ हवा ही बाहर फेंक रहे है। वहीं, कुओं का पानी भी सुख चुका है। पेयजल के संकट के चलते ग्रामीण परेशान है। ग्रामीणों के साथ मवेशियों को भी पीने का पानी नसीब नहीं हो रहा है।

धंबोला पंचायत

ग्रामीणों ने बताया की गांव में नल नहीं है। हैंडपंप ही एक मात्र सहारा है। महिलाओं ने बताया की गांव में हैंडपंप खराब होने से दूर दराज जहां भी पानी मिल जाये। वहां से पानी भरने के लिए सुबह निकल जाती है। पूरा दिन पानी की व्यवस्था करने में ही बीत जाता है। फिर भी पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है। दूरदराज के जिस-जिस कुएं से पानी अब तक भरते थे।

वहां के कुओं में भी पानी सूख चुका है। मेरोप गांव के ग्रामीणों ने बताया की खराब हैंडपंप को ठीक करने सहित पेयजल की समस्या के संबंध में बार-बार पंचायत और जलदाय विभाग को अवगत कराया गया। लेकिन जिम्मेदार इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

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