घाटा का गांव में सात दिवसीय भागवत कथा में आचार्य रूदेन्द्र शेखर ने कहा- प्रभु मोहे अवगुण चित्त ना धरे

Sagwara Update : ओबरी/घाटा का गांव के तुलसी वृन्दावन धाम में भागवत कथा के दौरान संगीतमय भजनों पर झूमते श्रद्वालु। आचार्य रूद्रेन्द्र शेखरजी। भास्कर न्यूज | ओबरी तुलसी वृन्दावन धाम घाटा का गांव के भागवत कथा सप्ताह के चौथे दिन की कथा में मुख्य यजमान रमन हिरजी, प्रकाश जीवन एवं अनिल शांतिलाल ने पोथी पूजन एवं माल्यार्पण द्वारा गुरुजी का स्वागत किया। स्वागत उद्बोधन कपिल पाटीदार ने दिया।

भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक आचार्य रूदेन्द्र शेखर महाराज ने भगवान विष्णु के वामन अवतार का व्याख्यान किया। भगवान विष्णु ने बाल वामन अवतार लेकर दैत्यराज बलि के तीनों लोको के आधिपत्य को खत्म किया। ब्राह्मण रूपी भगवान ने बलि से तीन कदम जमीन भेंट में मांगकर पृथ्वी एवं ब्रह्मलोक को नाप लिया एवं तीसरे पैर में बलि को पाताल में भेज दिया।

कथा वाचक आचार्य ने बताया कि जैसे कि स्नान से शरीर की एवं ध्यान से मन की शुद्धि होती है, वैसे ही दान से धन की शुद्धि होती है। असली उत्सव वही है। जिस दिन आपके घर में गरीब, ब्राह्मण, साधु या महात्मा द्वारा भोजन हो। इसके साथ ही संदेश दिया कि सभी को एक दृष्टि से देखना चाहिए। भागवत इंसान को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने का कार्य करती है। बच्चो का नाम धार्मिक रखने पर भी आव्हान किया। यूनिक नाम रखने के चक्कर मे आजकल लोग नाम का अनर्थ कर देते है।

कथा में पद्मश्री मूलचंद लोढा, पाटीदार संस्थान के डाया लाल पाटीदार, प्रदीप शास्त्री, क्षीरेश्वर मंत हर गोविंदगिरी सहित कई महंत उपस्थित रहे। संचालन डायालाल, गटु, रोशन एवं सुभाष ने किया। कल शाम की बारिश के बावजूद गांव के युवाओं ने एकता का परिचय देकर समय पर पांडाल को सुरक्षित तरीके से ढक दिया। जिससे अगले दिन कथा सुचारू रूप से चल सकी।

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