Banswara: घर में घुसी जंगली लोमड़ी ने चारपाई पर सो रहे 10 साल के बच्चे पर हमला कर दिया। चीख सुन मां दौड़कर आई तो उस पर भी झपट पड़ी। मां-बेटे के चिल्लाने की आवाज सुन पड़ोसी बचाने आया तो उसे भी नोच लिया।
जंगल की ओर भागते समय अलाव तापते दंपती को भी घायल कर दिया। घटना गुरुवार सुबह 7 बजे बांसवाड़ा के कुशलगढ़ इलाके के गांव खारचिया में हुई।
स्थानीय निवासी मेघनाथ वसुनिया ने बताया- यह इलाका सज्जनगढ़ और कुशलगढ़ का नॉन कमांड एरिया में पड़ता है। यह पूरा जंगल क्षेत्र है। गुरुवार सुबह 6:30 बजे जीवनलाल के घर से चिल्लाने की आवाज आई। जीवनलाल खेत पर गया हुआ था।
घर में उसकी पत्नी गवरा देवी और 10 साल का बेटा गोपीलाल था। मेन गेट खुला था। इस दौरान घर में जंगली लोमड़ी घुस गई। उसने कमरे में घुसकर चारपाई पर सो रहे बच्चे पर हमला कर दिया। लोमड़ी ने गोपीलाल के पैर, मुंह, जबड़े को नोच खाया।
बच्चे के पैर, मुंह और जबड़े को नोचा
बच्चा चिल्लाया तो उसकी मां गवरा देवी कमरे में पहुंची। लोमड़ी ने गवरा देवी के पैर पर हमला कर दिया और घर से निकलकर भागी। शोर-शराबा सुन पड़ोस के लोग दौड़कर आए। लोगों को देख लोमड़ी दूसरे रास्ते पर भागी।
मेघनाथ वसुनिया ने बताया- दूसरे रास्ते से मेरा छोटा भाई छोटूराम आ रहा था। लोमड़ी ने मेरे छोटे भाई पर भी हमला किया और उसके हाथ-पैर को नोच लिया। हमले में छोटे भाई की एक उंगली लोमड़ी पूरी तरह चबा गई। इसके बाद वह भागकर कपास के खेत में चली गई।
अलाव तापते दंपती पर किया हमला
कपास के खेत के पास ही हरि पुत्र लिंबा अपनी पत्नी के साथ बैठकर अलाव ताप रहा था। लोमड़ी ने उन पर भी हमला किया। उनके हाथों पर हल्की खरोंच आई। लोमड़ी के हमले से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।
लोमड़ी के हमले में घायल हुए पांचों लोगों को एंबुलेंस से छोटी सरवा हॉस्पिटल ले जाया गया। वहां से उन्हें कुशलगढ़ हॉस्पिटल रेफर कर दिया। हमले में गंभीर घायल गोपीलाल, गवरा देवी और छोटूराम को बांसवाड़ा के एमजी हॉस्पिटल रेफर किया गया है।
बांसवाडा जिले में 4 हजार से अधिक लोमड़ी
वनरक्षक फरीद ने बताया- जिले में 4 हजार से ज्यादा लोमड़ी है। लोमड़ी के हमले में घायल को 25 से 50 हजार रुपए का प्रावधान है। स्थायी घायल यानी जिसने हमले में कोई अंग खो दिया हो उसे 3 लाख तक का मुआवजा मिलता है। इसके अलावा मौत होने पर 5 लाख का मुआवजा दिया जाता है।