डूंगरपुर। भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने एक बार फिर से अलग से भील प्रदेश की मांग की आवाज को बुलंद किया है | भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने भील प्रदेश की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया | वही कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपकर राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के आदिवासी बहुल क्षेत्रों को मिलाकर भील प्रदेश बनाने की मांग की है |
भारत आदिवासी पार्टी के जिलाध्यक्ष अनुतोष रोत ने बताया कि राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र ओर मध्यमप्रदेश के आदिवासी जिलों को मिलाकर भील प्रदेश बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। इन क्षेत्रों में आदिवासी समाज की संस्कृति, रीति रिवाज, भाषा, रहन सहन, पहनावा मिलते झूलते है।
भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा का मानना है कि अलग राज्य बनने से आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा होगी और उनके विकास के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा सकेंगी।वही आदिवासी इकालो में आदिवासी समाज को प्रमुख प्रतिनिधित्व दिए जाने की भी मांग उठाई है। भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने जमकर नारेबाजी की ओर के केंद्र सरकार से सभी राज्यों से मिलकर एक प्रस्ताव लेकर अलग से भील प्रदेश राज्य बनाने की मांग पूरी करने की मांग उठाई है।
इस संबंध में भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है। वहीं राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के आदिवासी बहुल क्षेत्रों को मिलाकर भील प्रदेश बनाने की मांग की है |