डूंगरपुर/देशभर के साथ-साथ डूंगरपुर में भी बुधवार को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें जिला प्रशासन, पुलिस, अग्निशमन, चिकित्सा, एवं अन्य आवश्यक सेवाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
बस स्टैंड के पास तिराहे पर “हादसे” की सूचना मिलते ही जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक मोनिका सेन के नेतृत्व में राहत एवं बचाव टीम तुरंत मौके पर पहुंची। फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस, क्विक रिस्पांस टीम और सिविल डिफेंस अधिकारी पूर्ण तैयारी के साथ कार्य में जुटे।
घायलों को प्राथमिक उपचार देकर जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया। अस्पताल की इमरजेंसी सेवाओं को तुरंत सक्रिय कर चिकित्सा सुविधा प्रदान की गई। घायलों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया – झुलसे हुए मरीज, गंभीर घायल और सामान्य घायल।
इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों में विभिन्न विभागों के समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण करना था। मॉक ड्रिल के तहत ब्लैकआउट, फायर कंट्रोल, चिकित्सा सेवाएं, और हॉटलाइन कम्युनिकेशन जैसे बिंदुओं पर अभ्यास किया गया।
मुख्य उद्देश्य:
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हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली की जांच
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वायुसेना के साथ रेडियो लिंक की कार्यशीलता
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जिला कंट्रोल रूम की तत्परता
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आमजन और विद्यार्थियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण
जिला कलेक्टर के निर्देश:
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सभी CHC/PHC में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें
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सभी एंबुलेंस व मेडिकल स्टाफ तैयार रहें
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फायर ब्रिगेड को उपकरणों के साथ तैयार रखें
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सभी संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर ली जाए
अतिरिक्त निर्देश:
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में आपदा प्रबंधन की जानकारी पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। साथ ही, एनएचएआई हाईवे, धार्मिक स्थलों और पार्कों में ब्लैकआउट की स्थिति से निपटने की तैयारी भी सुनिश्चित की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक मोनिका सेन ने कहा:
“मॉक ड्रिल केवल औपचारिकता नहीं, यह सुरक्षा प्रशिक्षण का अहम हिस्सा है। प्रत्येक नागरिक को आपात स्थिति में सतर्क और जागरूक रहना चाहिए।”
यह अभ्यास डूंगरपुर जिले में आपदा प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाएगा।