Dungarpur News: डूंगरपुर जिले में रबी की फसलों के लिए किसानों को सरकारी खाद की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। क्रय विक्रय सहकारी समिति और लैंप्स के माध्यम से खाद का वितरण किया जा रहा है, लेकिन वहां भी खाद खत्म होने का बोर्ड लगा दिया गया है।
खाद की बढ़ती मांग और सप्लाई की कमी
रबी की फसलों की बुवाई के बाद ठंड के मौसम में फसल वृद्धि के लिए खाद की मांग बढ़ गई है। अब तक डूंगरपुर क्रय विक्रय में 11 हजार कट्टे यूरिया खाद की सप्लाई हो चुकी है, लेकिन यह किसानों की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त नहीं है। खाद की मांग को देखते हुए क्रय विक्रय द्वारा और खाद की डिमांड भेजी गई है, लेकिन समय पर सप्लाई न मिलने से किसान परेशान हैं।
साल 2025 पर खाद मिलने की उम्मीद
क्रय विक्रय सहकारी समिति के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि 1 जनवरी को 900 कट्टे यूरिया खाद पहुंचने की संभावना है। गोदाम से गाड़ी रवाना हो चुकी है, और खाद आने के बाद किसानों को इसका वितरण शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि, किसानों का कहना है कि यह मात्रा उनकी मांग के अनुरूप नहीं है।
किसानों की परेशानियां और इंतजार
खाद की कमी के चलते किसान रोजाना क्रय विक्रय के चक्कर काटने को मजबूर हैं। कई किसानों का कहना है कि खाद समय पर न मिलने से उनकी फसलों की वृद्धि पर असर पड़ रहा है। वहीं, समिति पर खाद खत्म होने का बोर्ड लगने से किसान निराश होकर लौट रहे हैं।
समस्या का समाधान जरूरी
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि खाद की आपूर्ति जल्द और पर्याप्त मात्रा में की जाए, ताकि उनकी फसलें प्रभावित न हों। समय पर खाद न मिलने से न केवल किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि क्षेत्र की कृषि उत्पादकता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
प्रशासन और सहकारी समितियों को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देकर खाद की सुचारू सप्लाई सुनिश्चित करनी होगी, ताकि किसानों को राहत मिल सके और रबी फसलों की बेहतर पैदावार हो सके।