सागवाड़ा/दशा नेमा समाज के तत्वावधान में बुधवार को जलझूलनी एकादशी पर गाजे बाजे व जयकारों के साथ सनातन धर्मावलंबियों की रथ यात्रा निकली।
शुक्लवाडा स्थित नेमा समाज के रुपचतुर्भुज मंदिर से शाम को बोली धारी अमित अंबिकाप्रसाद वाडेल परिवार ने प्रतिमा व रथ की आरती उतारी। गाजे-बाजे, जयकारे व आतिशबाजी के साथ चौपहिया युक्त रथ की यात्रा प्रारंभ हुई। रथ के नियंत्रक मधुसुदन दलाल थे। रथ को धर्म पताका, फूलमाला, लकझक रोशनी व रजत छत्रों से सजाया था। रथ की दूसरी मंजिल में रजत पालके में भगवान विष्णु के वामन अवतार की मूर्ति विराजित थी।
श्रद्धालुओं के जयकारे तथा महिलाओं के भक्ति गीतों के साथ चंवर ढूलाते रथयात्रा वरदायिनीमाता मंदिर, कालिकामाता मंदिर, रोकड़िया गणेश मंदिर मांडवी चौक पहूंची। मार्ग के दौरान जगह-जगह लोगों ने चावल पोंककर फुल माला चढा कंदमूल भेंटकर रथ के दर्शन किए। पारंपरिक वेषभूषा पहने बच्चे, युवक व बुजुर्गों तथा एक ही रंग की साड़ी पहने महिलाओं ने मांडवी चौक पर देर तक गरबा रास खेला। रथ पिपलीचौक, पोल का कोठा, मोचीवाड़ा होकर मसाणिया तालाब पाल पर रूद्राणी माता मंदिर पहूंचा। प्रतिमा का जल पूजन कर परंपरा के तहत तालाब में 5 श्रीफल विसर्जित किये। नीलेश रामचंद्र शाह परिवार ने रुद्राणी माता व रथ की आरती उतारी। रथ सदर बाजार, नया बाजार, गोल चौराहा होकर बांसवाड़ा मार्ग पर गमरेश्वर महादेव मंदिर पहूंचा जहां आरती हुई। विश्राम के बाद
रथ पुनः इसी मार्ग से होकर मांडवी चौक स्थित चारभुजाधारी मंदिर पहूंचा जहां देर तक भजन कीर्तन हुआ। मयंक नारायणलाल दोसी परिवार की मंदिर में प्रतिमा व रथ की आरती के बाद प्रसाद वितरण हुआ।

इस दौरान प्रभुलाल वाडेल, नेमा समाज अध्यक्ष रामकृष्ण वाडेल, मयंक दोसी, अनिल वाडेल, प्रदीप गुप्ता, मनोज शाह, जयप्रकाश गुप्ता, सुधीर वाडेल, दामोदर दलाल, दिलीप कोठारी, दीपक गुप्ता, नाजुक शाह सहित समाजजन व महिला मंडल शामिल रहा। इस दौरान डिप्टी रूप सिंह, सीआई मदनलाल खटीक सहित पुलिस ज़ाब्ता मौजूद रहा।
					
		