राज्य सरकार ने जारी किये आदेश, सागवाडा में राजनितिक उठापटक का दौर शुरू
सागवाड़ा/नगर पालिका भवन को ध्वस्त करने एवं नियम विरूद्ध पट्टे जारी करने से संबंधित में नगर पालिका अध्यक्ष नरेंद्र खोडनीया और पालिका उपाध्यक्ष राजु मामा घांची को निलंबित कर दिया गया है। इधर, निलंबन के बाद सागवाडा में राजनितिक माहौल गरमा गया है।
स्वायत्त शासन विभाग को प्राप्त जॉच रिपोर्ट के आधार पर नगर पालिका में वर्ष 2017 में नवनिर्मित भवन को ध्वस्त किया गया। जिससे नगरपालिका सम्पति को नुकसान होने से पालिका को वित्तीय हानि हुई। साथ ही प्रशासन शहरो के संग अभियान 2021 के तहत नेशनल हाईवे 927-ए पर नियमों कि अनदेखी एवं बिना विधिक प्रक्रिया अपनाऐं दस्तावेजों के अभाव में उपाध्यक्ष को पट्टा जारी किया गया है जो अवैधानिक है।
डीडीआर उदयपुर द्वारा प्रेषित जॉच रिपोर्ट मे प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये जाने पर आरोप विरचित कर, राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 (1) के तहत अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार खोड़निया और उपाध्यक्ष राजुमामा घांची को सुनवाई का अवसर देते हुये विभाग द्वारा स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया गया। पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने विभागीय स्पष्टीकरण नोटिस का प्रतिउत्तर विभाग को प्रस्तुत किया गया जो संतोषप्रद नहीं है।
वर्ष 2017 में नवनिर्मित भवन को ध्वस्त करने जिससे नगरपालिका सम्पति को नुकसान होने से पालिका को वित्तीय हानि होने एवं नेशनल हाईवे 927-ए पर नियमों कि अनदेखी एवं बिना विधिक प्रक्रिया अपनाएँ दस्तावेजों के अभाव में उपाध्यक्ष को पट्टा जारी करने में प्रथम दृष्ट्या उनकी संलिप्तता जाहिर होती हैं।

उक्त आचरण और कृत्य नगर पालिका सागवाड़ा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की पदीय हैसियत का दुरूपयोग है। कर्तव्यों के निर्वहन में अवचार एवं पद के अन्यथा दुरूपयोग तथा उसके प्रतिकूल आचरण व व्यवहार की श्रेणी में आता हैं। राज्य सरकार द्वारा उपरोक्त प्रकरण की राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39(3) के तहत न्यायिक जाँच करवाने का निर्णय लिया जाकर, प्रकरण को न्यायिक जाँच हेतु विधि विभाग को प्रेषित किया जा चुका है। नरेन्द्र कुमार खोडनिया और राजु मामा घांची के
के पद पर बने रहने से विचाराधीन न्यायिक जाँच पदको प्रभावित करने की संभावना है। इस लिये प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर दोनों को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के साथ ही सदस्य से निलंबित कर दिया है।
यह है मामला
वर्तमान कांग्रेस बोर्ड नें नगर पालिका के पुराने भवन को तोड़कर नयी जगह नगरपालिका भवन बनाने का काम हाथ में लिया था। हालाँकि इसका विरोध भाजपा के सदस्यों की ओर से किया गया। इस मामले में जनहित याचिका दायर की गई जिसके बाद न तो पुराने भवन का कुछ हो सका और न ही नये भवन निर्माण का काम हो सका। इधर, भाजपा के सदस्य नयी जगह भवन बनाने का अब भी विरोध कर रहे हैं। वर्ष 2010 में सत्यनारायण सोनी के नेतृत्व में बने भाजपा बोर्ड ने पुरानी जगह ही नया भवन बनाने का फैसला लिया लेकिन यह सिर्फ़ प्रस्ताव ही रह गया।
इसके बाद 2015 में निर्मला अहारी के नेतृत्व बने भाजपा बोर्ड ने भवन की स्थिति को देखते हुए वर्ष 2017 में करीब 45 लाख खर्च कर 1782 वर्ग फीट पर नया भवन बनाया। साथ ही पुराने भवन के मरम्मत का कार्य कराया गया। वर्ष 2021 में कांग्रेस का बोर्ड बनने के बाद भवन में मरम्मत का कार्य कराया गया। 19 मार्च 2021 को हुए बोर्ड बैठक में पालिका भवन और पटवार भवन का अधिग्रहण करते हुए शॉपिंग माल बनाने और नये भवन के लिये भूमि अधिग्रहण करने नया भवन बनाने के लिये वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति का प्रस्थान लिया गया।
इसके विरोध में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा पार्षदों ने स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक को पत्र लिखकर विरोध जताया। 5 जुलाई 2021 के प्रस्ताव के अनुरूप 25 मार्च 2022 को पुराना भवन तोड़ने का टेंडर जारी किया गया। 9 मई 2022 को पालिका के भवन को तोड़ा गया। 26 मई 2024 को कोर्ट का स्टे के बाद काम रूका हुआ है। हालाँकि वर्ष 2024 में 5 करोड़ की लागत से नये भवन निर्माण का टेंडर निकाला गया लेकिन ये प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई।
नियमों से पूरे काम हुए, षडयंत्रपूर्वक कार्रवाई : नरेंद्र खोड़निया
नरेंद्र खोड़निया ने कहा कि उपाध्यक्ष को पट्टे देने के मामले में पूरे नियमों का पालन किया गया है। रजिस्ट्री की ओरिजनल कॉपी और सभी दस्तावेज लेने के बाद नियमानुसार पट्टा जारी किया गया है। वहीं, भवन के मामले में हमने पीडब्ल्यूडी को रिपोर्ट दी थी। 90 पर्सेंट भवन जर्जर था। बीच के कुछ कमरे 2017 के थे, लेकिन नक्शे के अनुसार बीच में आ रहे थे तो उन्हें गिराना जरूरी था। उसके लिए भी नियमों के तहत कार्रवाई की, लेकिन भाजपा की सरकार ने षड्यंत्रपूर्वक उन पर कार्रवाई की है। कांग्रेस के कुछ पार्षद और भू माफिया उनके साथ मिल गए है और षड्यंत्र रच रहे हैं।
आगे क्या: भाजपा के पार्षद आशीष गांधी बन सकते हैं चेयरमैन
प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद रावतभाटा, कैथून व अकलेरा में कांग्रेस के चेयरमैन हटने के बाद भाजपा पार्षदों को चेयरमैन मनोनीत किया गया था। ऐसे में अब सागवाड़ा में भी माना जा रहा है कि यहां भी भाजपा के पार्षद आशीष गांधी को चेयरमैन मनोनीत किया जा सकता है।हालांकि पार्षद संजय जैन, अनिल सुथार के नाम की भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा है।
फ्लैश बैक : 7 फ़रवरी 2021 को चेयरमैन बने थे नरेंद्र खोड़निया
प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर हुए पालिका के चुनाव के साथ ही फ़रवरी 2021 में चुनाव हुए थे। इसमें पालिका के 35 वाडों में से 22 में कांग्रेस, 10 में भाजपा और 3 BTP को जीत मिली थी। इसके बाद 7 फ़रवरी 2021 को हुए अध्यक्ष के चुनाव में 22 मत हासिल कर कांग्रेस के नरेंद्र खोड़निया चेयरमैन बने थे।
अब पालिका पार्षदों पर एक नज़र
कांग्रेस : पहले 22 पार्षद थे।उसमे से 4 पार्षद भाजपा में शामिल होगे थे। अब अध्यक्ष नरेंद्र खोड़निया और उपाध्यक्ष राजू मामा घांची को निलंबित कर अब कांग्रेस के पार्षदो की संख्या 16 हुई।
भाजपा: 10 पार्षद पहले से थे। 4 कांग्रेस के पार्षद भाजपा में शामिल होगे थे साथ ही भाजपा पार्षदों की संख्या 14 हुई
बीटीपी (समर्थित निर्दलीय) : पार्षदों की संख्या 3 है