सागवाड़ा। नगर में चल रहे सीवरेज कार्य के कारण खुदी हुई सड़कों ने आमजन के लिए भारी परेशानी खड़ी कर दी है। लगातार तीन महीने से अधूरी पड़ी सड़कों के कारण दुपहिया वाहन चालकों को हादसों का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया में लगातार खबरें प्रकाशित होने के बाद जिला कलेक्टर अंकित कुमार ने आगामी त्योहारों को देखते हुए अधिकारियों की बैठक लेकर स्पष्ट निर्देश दिए थे कि कार्य गुणवत्ता पूर्ण हो और गड्ढों को समय पर भरा जाए।
लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट है। सीवरेज लाइन बिछाने के दौरान खुदी सड़कों पर अब जाकर मरम्मत का काम शुरू हुआ है, वह भी केवल औपचारिकता के तौर पर। ठेकेदार द्वारा किये जा रहे सड़क के मरम्मत कार्य में न तो मटेरियल की गुणवत्ता का ध्यान रखा जा रहा है और न ही तकनीकी मानकों का।
गड्ढों को भरने के लिए जो गिट्टी और सीमेंट डाली जा रही है, वह कुछ ही समय में गड्ढों से गायब हो रही है। सुबह में सीमेंट मिला कर गिट्टी का भराव शाम होते होते सड़क पर बिखर रहा है, जबकि उस पर रोलर भी चलाया जा रहा है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि मरम्मत कार्य केवल दिखावे के लिए किया जा रहा है। मिट्टी और गिट्टी सड़क पर यूं ही बिखरी रहती है, जो बड़े वाहनों के साथ चिपककर आगे निकल जाती है, और पीछे छूटती है उबड़-खाबड़ सतह। इससे दोपहिया वाहन चालकों का संतुलन बिगड़ जाता है और आए दिन गिरकर घायल होने की घटनाएं सामने आ रही हैं।
सूखे मौसम में यही मिट्टी धूल बनकर उड़ती है और सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है। इससे आसपास के दुकानदारों, राहगीरों और वाहन चालकों को भी भारी असुविधा हो रही है।
गंभीर बात यह है कि इस मरम्मत कार्य पर निगरानी रखने वाले जिम्मेदार अधिकारी – रूडीप के जेईएन और एईएन – मौके पर कभी नजर नहीं आते। ठेकेदार इस लापरवाही का फायदा उठाकर मनमर्जी से काम कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक प्रशासन स्वयं मौके पर आकर कार्य की गुणवत्ता नहीं देखेगा, तब तक यह लीपापोती यूं ही चलती रहेगी।
नगरवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए, और ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सड़कों की मरम्मत जल्द से जल्द गुणवत्तापूर्ण तरीके से करवाई जाए।