सागवाड़ा/राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के तहत विजयादशमी उत्सव महिपाल खेल मैदान में रविवार शाम को मनाया।मुख्य अतिथि गमलेश्वर महादेव मंदिर के पीछे स्थित ऋषि वाल्मीकि मंदिर के व्यवस्थापक रमेश खांट थे। नगर संघचालक उमाकान्त व्यास मंचासिन थे। मुख्य वक्ता बांसवाड़ा विभाग विभाग प्रचारक विकास राज थे। अतिथियों ने शस्त्र पूजन किया। काव्य गीत आलोक शर्मा एवं अवतरण धर्म शुक्ला ने प्रस्तुत किया।
अतिथि परिचय नगर कार्यवाह गोपाल पंचाल ने दिया। मुख्य अतिथि खांट ने इस बड़े आयोजन पर सनातन समाज को एक मंच पर लाने पर सभी को बधाई दी। जिला सम्पर्क प्रमुख अनुराग पाठक ने कहा कि विजयादशमी उत्सव मनाए जाने के बाद 26 अक्टूबर 16 नवम्बर तक पंच परिवर्तन के तहत घर-घर संपर्क, 30 नवम्बर से सात दिसम्बर तक सद्भाव सम्मेलन, 18 जनवरी आठ फरवरी तक हिंदू सम्मेलन, भजन मंडली, 19 अप्रेल 26 अप्रेल प्रमुख जन गोष्टी, एक अगस्त से 15 अगस्त तक युवा सम्मेलन तथा 27 सितम्बर छह अक्टूबर तक प्रत्येक स्वयंसेवक प्रत्येक घर तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्य वक्ता विभाग प्रचारक विकास राज ने कहा कि शक्ति एवं भक्ति का पर्व नवरात्र में आराधना के बाद देशभर में विजयादशमी उत्सव मनाया गया। संघ विगत १०० वर्ष सनातनी समाज को एक कराने के प्रयास में जुटा हुआ है। भगवान राम ने भी रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए गिरीवासी, वनवासी, केवट, निषाद, माता शबरी, हनुमान का साथ लिया। उन्होंने बताया कि हम शास्त्र पूजन तो करते हैं लेकिन शस्त्रों को भूला बैठे हैं। हिन्दूओं के सभी देवी एवं देवता अस्त्र एवं शस्त्र के साथ दिखाई देते हैं। हमे भी हमेशा शस्त्र पूजन करना चाहिए। विकास राज ने बताया कि देशभर में दैनिक शाखाएं, साप्ताहिक शाखाएं और मासिक शाखाएं संचालित हो रही है। इन शाखाओं में बच्चों को संस्कारित करने के प्रयास में जुटे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि एक समय भारत देश सम्पूर्ण विश्व का नेतृत्व करता था। उस समय भारत सोने की चिडिय़ा कहा जाता था जहां ज्ञान, कला, विज्ञान, साहित्य और राजनीति के क्षेत्र आगे थे। आज फिर से जरुरत है देश को सोने की चिडिय़ा बनाने एवं हर क्षेत्र में आगे लाने की। एक समय भारत शिक्षा के क्षेत्र में बहुत आगे था जहां दूर-दूर से युवा शिक्षा नालन्दा एवं तक्षशिला जैसे विद्यालयों में पढऩे के लिए भारत आते थे। विभाग प्रचारक विकास राज ने बताया कि डा. हेडगेवार के समक्ष स्वतन्त्रता प्राप्ति करना अन्तिम लक्ष्य नहीं था स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद की स्थिति को देखते हुए संघ की स्थपना की गई थी। एक घण्टे की शाखा से कार्य प्रारंभ कियाछोटे-छोटे बच्चों के माध्यम से व्यक्तित्व निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संघ समाज के बीच में रहकर कार्य कर रहा है तथा अब तक तीन बार प्रतिबन्ध का सामना करना पड़ा तथा हर बार साफ छवि के साथ निखर कर सामने आया।
विभाग प्रचारक विकास राज ने बताया आज भारत में गांधार, ढाकेश्वरी देवी, हिंगलाज माता, मानसरोवर एवं ननकाना साहेब नहीं है इनके आने पर भारत अखंड हो पाएगा। उन्होंने बताया कि मोबाइल के आने से युवा सिमट कर रह गया है। पहले सोते थे तब शरीर को आराम मिलता है लेकिन आज युवा सोता है तो मोबाईल को आराम मिलता है। उन्होंने पर्यावरण को लेकर आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि बाजार में सामान लेने जाते समय घर से कपड़े का थैला लेकर जाए एवं प्लास्टिक थैलियों का उपयोग बन्द करें। विकास राज ने विदेशी वस्तुओं का उपयोग नहीं देने की सलाह देते हुए बताया कि ऑनलाईन सामान का रुपया अमेरिका जा रहा है, अमेरिका से पाकिस्तान तथा बाद में वहीं पैसा आंतकियों के पास जाता है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर निर्माण के समय संघ के स्वयंसेवक ११ करोड़ घरों तक पहुंचे थे। एक बार फिर स्वयंसेवकों को आने वाले समय में फिर से घरों तक पहुंचने की जरुरत है।
इस दौरान जैन समाज के प्रतिष्ठाचार्य विनोद पगारिया, भाजपा जिलाध्यक्ष अशेाक पटेल रणोली, विधायक शंकरलाल डेचा, पूर्व सांसद कनकमल कटारा, नारायणलाल दर्जी, देवशंकर सुथार, विश्वनाथ पंड्या, डा. आनन्द शर्मा, मनोज दीक्षित, भोगीलाल मोड पटेल, विमल पालीवाल, मुकेश भोई, नीरज शर्मा, हरिमुख भट्ट, जितेन्द्र सुथार, कन्हैयालाल भटिया, हरिश सोमपुरा, जिला प्रचारक निखिल मौजूद रहे।