प्रतिमाओं की राजनीति- गलियाकोट मोड पर हगिया भील, गलियाकोट में गलिया डामोर और जोगपुर मोड पर गोविंद गुरू की प्रतिमाएँ लगाने और हटाने का मामला
सागवाडा एसडीएम ने अवकाश पर होना बताया वही सागवाडा डिप्टी का कहना था कि प्रतिमा हटाने को लेकर पुलिस के पास कोई जानकारी नहीं है।
सागवाडा। विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सागवाडा विधानसभा क्षेत्र के गलियाकोट मोड पर हगिया भील, गलियाकोट में गलिया डामोर और जोगपुर मोड पर गोविंद गुरू की प्रतिमाएँ लगाने और हटाने का मामला सामने आया है। राजनीतिक दृष्टि से अब तक शांत माने जाने वाले क्षेत्र में राजनीति गर्मा गई है। मामला चौराहों पर आदिवासी महापुरुषों की प्रतिमा लगाने का है। चौराह से आदिवासी महापुरुषों की प्रतिमाओं को हटाने के विरोध मे शुक्रवार सुबह सागवाडा विधायक रामप्रसाद डेंडोर सागवाडा में गलियाकोट मोड़ पर धरने पर बैठे। इन तीन चौराहो पर बीती रात को प्रतिमाएं रखी गई थी।
विधायक राम प्रसाद डेंडोर ने बताया कि बीती रात को इन चौराहों पर आदिवासी महापुरुषों की प्रतिमा लगायी गई थी। शुक्रवार सुबह जानकारी मिली कि प्रतिमाएं मौके से ग़ायब है। इधर सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक समर्थकों के साथ धरने पर बैठे विधायक से समझाइश के लिए पुलिस और प्रशासन की ओर से कोई अधिकारी नहीं पहुँचा था। इधर जब इस संबंध में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने भी प्रतिमा हटाने पर अनभिज्ञता जतायी। सागवाडा एसडीएम ने अवकाश पर होना बताया वही सागवाडा डिप्टी का कहना था कि प्रतिमा हटाने को लेकर पुलिस के पास कोई जानकारी नहीं है।
हालाँकि क़रीब दोपहर ढाई बजे डिप्टी विक्रम सिंह, गलियाकोट एसडीएम ईश्वर खटिक, सागवाडा तहसीलदार आस्थारानी बामणिया, गलियाकोट तहसीलदार पंकज कलासआ, नगर पालिका ईओ लोकेश पाटीदार, गिरदावर मुकेश भोई और सागवाडा पटवारी मुकेश पाटीदार मौक़े पर पहुँचे और विधायक से समझाइश की। विधायक ने भी तीनों जगह आदिवासी महापुरुषों की प्रतिमा लगाने को लेकर संभागीय आयुक्त के नाम अनुमति पत्र दिया। हालाँकि इसके बाद भी विधायक अपने समर्थकों के साथ मौके पर डटे रहे, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा काफी समझाइश व मांग पत्र आगे पहुंचाने के लिए आश्वस्त करने पर शाम करीब 4 बजे धरना प्रदर्शन समाप्त हुआ।
सामाजिक समरसता को बिगाड़ा जा रहा है नफ़रत का माहौल बनाने का प्रयास
एमएलए ने कहा कि आदिवासी महापुरुषों की प्रतिमाएँ हटायी गई। एसडीएम, तहसीलदार और पालिका प्रशासन इससे अनभिज्ञता जता रहे हैं। तो यह कोन करवा रहा है और किसके इशारे पीआर हो रहा ही। दो साल पहले इस चौराहे पर बोर्ड लगाया गया था। पूर्व नगर नगरपालिका में प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव भी लिया गया था। वर्तमान नगरपालिका को भी इस संबंध में पत्र दिए थे। इसके बाद भी आदिवासियों को रोकने का काम किया जा रहा हैं। यह सब षड्यंत्र पूर्व हो रहा है। जो भी है यदि किसी को आपत्ति है तो बात सामने आनी चाहिए। हमारे सामने आकर आपत्ति दर्ज करानी चाहिए। इस तरह का माहौल पैदा कर सामाजिक समरसता को बिगाड़ा जा रहा है नफ़रत का माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
– रामप्रसाद डेंडोर, विधायक सागवाडा