सागवाड़ा/ ग्रामीण क्षेत्र से शहर में आने वाले लोगों को सार्वजनिक स्थलों पर गर्मी के दिनों में पीने के पानी को लेकर खासी मशक्कत करनी पड़ती है। वहीं गामोठवाड़ा रोड पर पंचायत समिति की पहल पर भामाशाह की मदद से लगी प्याऊ इतनी भीषण गर्मी में भी फिलहाल बंद पड़ी हुई है। इससे राहगीरों को दुकान, होटल व चाय-नाश्ते के ठेलों से पैसों से पानी की बोतलें खरीदकर प्यास बुझानी पड़ रही है। शहर के मुख्य बाजार में स्थित इस एक मात्र प्याऊ के पिछले कई माह से बंद पड़े होने से बाहर से आने वाले लोग खासे परेशान हो रहे हैं। इस प्याऊ का लोकार्पण 16 जुन 2017 को हुआ था।
एक लाख रुपए में पंचायत समिति की ओर से निर्मित इस जल मंदिर (प्याऊ) में भामाशाह ने करीब 50 हजार रुपए का वाटर कूलर और फिल्टर भेंट किया था, ताकि लोगों को शुद्ध और ठंडा पानी मिल सके।
ग्रामीण क्षेत्र से शहर में विभिन्न कामों से आने वाले लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के मकसद से एक अच्छी पहल की थी। देखरेख के अभाव में मौजूदा वक्त में ये प्याऊ अब नकारा साबित हो रही है। विभिन्न गांवों से हर रोज सैंकड़ों की तादाद में ग्रामीणों का कई कामों के लिए उपखंड़ मुख्यालय पर आना-जाना लगा रहता है। वहीं सावों और त्योहारों के सीजन में यह संख्या ओर अधिक बढ़ जाती है।
यहां भी है प्याऊ की सबसे ज्यादा जरूरत
शहर के प्राइवेट बस स्टैंड़, गोल चौराहा, महिपाल स्कूल के पास, मसानिया तालाब आदि भीड़भाड़ वाले स्थानों पर प्याऊ की सबसे ज्यादा जरूरत है। इनमें कुछ जगह ऐसी भी हैं जहां से गांवों में जाने के लिए वाहनों की उपलब्धता होती है। जहां पर लोगों को लंबे समय तक वाहनों का इंतजार करते देखा जा सकता है। ऐसे में इन जगहों पर सार्वजनिक प्याऊ स्थापित करने की सख्त आवश्यकता है।
निजी प्रयासों की भी आवश्यकता
बढ़ती गर्मी को देखते हुए शहर की प्रमुख जगहों पर प्याऊ होना जरूरी है। इसके लिए निजी स्वयं सेवी संस्थाओं और भामाशाहों को आगे आने की आवश्यकता है जो कम से कम गर्मियों के दिनों में विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ लगाकर आम लोगों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था कर सकें।