ऐसा पहली बार जब रामकथा के माध्यम से हो रही नदी की सफ़ाई, खडगदा की रामकथा देगी जन सहयोग से जल संचय का संदेश

रामकथा 28 दिसंबर से 5 जनवरी तक, 28 को गंगाजल कलश यात्रा निकलेगी

सागवाडा। क्षेत्र में ऐसा पहली बार हो रहा है रामकथा के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का काम किया जा रहा है। क्षेत्र की लाइफ लाइन कहीं जाने वाली मोरन नदी की सफ़ाई को लेकर खडगदा गांव में 28 दिसंबर से राम कथा शुरू होने जा रही है। कथा 5 जनवरी तक चलेगी। 28 दिसंबर को सुबह शोभायात्रा निकाली जायेगी।

कथा को लेकर देश प्रमुख संत महंतों के साथ ही मुख्यमंत्री और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री को भी निमंत्रण दिया गया है।मुख्य वक्ता रामकथा वाचक कमलेश भाई शास्त्री होंगे। कथा के मुख्य यजमान खडगदा निवासी शारदा देवी मणिलाल जोशी और कलश यात्रा यजमान पुनर्वास कालोनी निशा देवी हरिओम पंचाल है।

कचरा पात्र बनी मोरन नदी को खडगदा में ग्रामीणों का मदद से उसके स्वरूप को निखारने का काम किया जा रहा है।

नदी को 500 फीट चौड़ा और 25 फीट गहरा किया गया

9 माह के कठोर परिश्रम और दृढ़ संकल्प के परिणाम से नदी के 1 किमी. के दायरे में मोरन गंगा को 500 फीट चौड़ा और 25 फीट गहरा किया गया।

अहमदाबाद की तर्ज पर बनाया जा रहा रिवर फ़्रंट

इसके साथ यहाँ अहमदाबाद की तर्ज पर रिवर फ़्रंट तैयार कराया जा रहा है। नदी के दोनों किनारों पर रिवर फ़्रंट के लिये 20-20 फीट चौड़े रास्ते बनाये गये है। नदी के करीब 1 किमी के पाट को संरक्षित किया जा रहा है। 1 किमी के दायरें को सिर्फ़ और सिर्फ़ पेयजल के लिये इस्तेमाल किया जायेगा।

पेयजल के लिए बनाया कुआं

नदी के तट पर ही 65*45 का कुआं बनाया गया है जो 80 फीट गहरा है। जिसकी भराव क्षमता 55 लाख लीटर है जो सर्व समाज की सुविधा के लिये सुलभ होगा। नदी के 1 किमी. के पेटे में 47 करोड़ 46 लाख लीटर पानी रहेगा। विभाग के अनुमान के मुताबिक़ मौके पर करीब 2.49 करोड़ रुपये का कार्य किया जा चुका हैं। संपूर्ण क्षेत्र में जन सहयोग से जल संचय के प्रयोजन को पूरा करने के लिए विराट रामकथा का आयोजन किया जा रहा है।

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