कांकरी डूंगरी मामले में आदिवासी समाज ने 71वें गुरुवार को जिला मुख्यालय पर दिया धरना, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

डूंगरपुर। शिक्षक भर्ती परीक्षा में रिक्त रहे 1167 पदों पर भर्ती की मांग को लेकर वर्ष 2020 में नेशनल हाइवे 48 पर कांकरी डूंगरी पर बेरोजगार युवाओं द्वारा धरना दिया जा रहा था जो बाद में उपद्रव में तब्दील हो गया था जिसमें कई लोगों के खिलाफ मुकदमें दर्ज हुए थे।




उक्त मामले में आदिवासी समाज के युवाओं को प्रताड़ित करने एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग को लेकर आदिवासी जनप्रतिनिधि सेलेक्शन प्रणाली के द्वारा चयनित जनप्रतिनिधियों के तत्वाधान में हर गुरुवार को जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट गेट के बाहर दिए जा रहे एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन एवं ज्ञापन के तत्वाधान में लगातार 71वें गुरुवार को भी जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट गेट के बाहर धरना दिया गया तथा मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपा गया।

आदिवासी जनप्रतिनिधि सेलेक्शन प्रणाली के द्वारा चयनित जनप्रतिनिधियों के तत्वाधान में हर गुरुवार को जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट गेट पर कांकरी डूंगरी उपद्रव में दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी के तहत आज 71वें गुरुवार को साप्ताहिक धरना दिया गया तथा कांकरी डूंगरी मामले में दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग की गई। आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि पिछले 71 गुरुवार से जिला मुख्यालय पर धरना देकर आदिवासी समाज द्वारा कांकरी डूंगरी मामले में दर्ज मुकदमों को हटाने की मांग की जा रही है लेकिन सरकार इस पर कोई सुनवाई नहीं कर रही है।




उन्होंने कहा कि प्रदेश में 8 माह बाद चुनाव होने वाले हैं ऐसे में सरकार अगर कोई सुनवाई नहीं करती है तो आदिवासी समाज द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा जिससे आने वाले समय में चुनाव में सरकार पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। वही अगर सरकार द्वारा मुकदमे वापस नहीं लिए जाते हैं तो आदिवासी समाज सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की रहेगी।

 

 

 

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