कोविड-19 एवं श्वसन रोग से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी



कोविड- 19 को लेकर सीएमएचओं जारी किये दिशा-निर्देश

डूंगरपुर/ अति मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें, राजा जयपुर के द्वारा कोविड-19 से बचाव एवं उपचार के सम्बन्ध में दिये गये दिशा  निर्देशों की पालना में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अलंकार गुप्ता ने सभी खण्ड मुख्य ने चिकित्सा अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किये है तथा सभी चिकित्सा संस्थानों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिये हैं। निदेशालय से प्राप्त एडवाइजरी को सभी खण्ड में भिजवाया गया है।

डॉ. गुप्ता ने बताया गया है कि वर्तमान में केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र राज्यों में कोविड के नये वेरियेन्ट के केस प्राप्त हुए है। राजस्थान में भी जैसलमेर तथा जयपुर में  भी इसके केसेज मिल गये हैं। इस हेतु एहतियात के तौर नई पर सभी चिकित्सा संस्थानों को अलर्ट किया गया है साथ ही समस्त खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को भी पाबंद किया गया है कि ओपीडी में आने वाले श्वसन रोग से सम्बन्धित रोगियों पर सतत नजर रखी जाये। संदिग्ध रोगी मिलने पर जांच की जाकर आवश्यक उपचार प्रदान किया जाये।

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आमजन को प्रचार- प्रसार के माध्यम से बचाव के तरीकों से अवगत कराया जाये। सभी सीएचसी पीएचसी जिला चिकित्सालयो में बेड की उपलब्धता, वेंटिलेटर की उपलब्धता, दवाइयों की उपलब्धता, जांच सुविधा, ऑक्सीजन प्लांट ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर, एम्बुलेंस, वीटीएम, पीपीई किट उपलब्ध रखें जाने हेतु निर्देशित किया गया है एवं नियमित रिपोर्टिंग किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। विशेषज्ञों की राय में उक्त बीमारी से घबराने की आवश्यकता नहीं है हल्की सर्दी, खांसी, जुकाम व बुखार होने की स्थिति में रोगी द्वारा समय पर चिकित्सक की सलाह पर इस रोग के नियंत्रण पर तत्काल एवं प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है।

कोविड-19 एवं श्वसन रोग से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह के निर्देशों की पालना में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 एवं श्वसन रोगों से बचाव एवं नियंत्रण के लिए एडवाइजरी जारी की है।

एडवाइजरी के प्रमुख बिन्दु इस प्रकार हैं

1- हल्की सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब के रोगी चिकित्सक की सलाह समय पर लेते हैं तो रोग के    नियंत्रण पर प्रभावी व तत्काल काबू पाया जा सकता है।

2- चिकित्सक के परीक्षण उपरान्त आईएलआई (ILI & Influenza&like Illness ) रोगियों में सामान्य सर्दी, खांसी, बुखार,  जुकाम व गला खराब के लक्षण की स्थिति में होम आइसोलेशन एवं उक्त लक्षणों के गंभीर या लम्बी अवधि होने की  स्थिति में तथा Severe acute respiratory illness (SARI ) के संक्रमण पर अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी जाती है।
3- बच्चे, वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं एवं को-मोर्बिडिटी वाले व्यक्तियों यथा डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोग व अन्य गंभीर   बीमारियों के रोगियों को सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब के लक्षण की स्थिति में सतर्क रहने व विशेष ध्यान रखते हुए तुरंत चिकित्सक के अनुसार उपचार/कोविड टेस्ट करवाये जाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि उनमें रोग के गंभीर होने की ज्यादा संभावना रहती है।
4- आईएलआई व SARI के लक्षण होने पर नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक की सलाह अनुसार कोविड-19 की जांच व उपचार समय रहते लिया जाना चाहिए।
5- आईएलआई के रोगियों जिन्हें सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम व गला खराब की तकलीफ है, उन्हें दूसरे लोगों से दूरी   बनानी चाहिए और मास्क का उपयोग करना चाहिए एवं हाथों को आवश्यकतानुसार साबुन से 20 सेकंड तक धोना या सैनिटाइजर का उपयोग करना चाहिए।
6- आने वाले त्यौहार व नववर्ष पर कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर की पालना की जानी चाहिए। आमजन में कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर प्रणाली का उपयोग संक्रमण से बचाव हेतु उपयुक्त प्रक्रिया है।

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