म्यूटेशन प्रक्रिया अब ऑटो मोड पर, पटवारी नामांतरण का काम पांच दिन से ज्यादा नहीं अटका पाएंगे, लोगों को राहत मिलेगी
सागवाड़ा। म्यूटेशन की प्रक्रिया को ऑनलाइन करते हुए राजस्व विभाग ने ऑटो मोड पर कर दिया है। अब पटवारी 5 दिन से ज्यादा किसी का म्यूटेशन और रजिस्ट्री को नहीं रोक पाएगा। तहसीलदार को भी 7 दिन में निस्तारण करना होगा। डेडलाइन से ज्यादा रोका तो फाइल ऑटोमेटिक स्वीकृत होकर आगे बढ़ जाएगी। आमतौर पर कृषि अथवा व्यावसायिक भूमि के म्यूटेशन भरने की एवज में रिश्वत मांगने पर पटवारी से लेकर तहसीलदार तक को एसीबी के हाथों ट्रैप की कार्रवाई के मामले सामने आते हैं।
प्रदेश में जिला स्तर पर सतर्कता समितियों में भी सबसे ज्यादा शिकायतें भूमि का नामांतरण करने में आनाकानी की होती है। नई व्यवस्था से जमीन खरीदने बेचने और पैतृक जमीन में नाम जोड़ने का काम अब आसान हो गया है। पटवारी से लेकर सरपंच और तहसीलदार को 32 दिन में निस्तारण करना होगा, नहीं तो फाइल ऑटोमेटिक स्वीकृत हो जाएगी। ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए निबंधक, राजस्व मण्डल द्वारा पटवारी, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, सरपंच और ग्राम पंचायत की SSO ID का ई-धरती सॉफ्टवेयर पर मैपिंग करवाया गया है। सभी ऑनलाइन तहसीलों में इस सिस्टम को लागू कर दिया गया है।
काम की खबर…ओपचारिकता पूरी होने पर नही रुकेगा काम
दस्तावेज अपलोड करने के बाद पटवारी दस्तावेज की जांच करेगा। कोई कमी होने पर पटवारी कमेंट करके आवेदक को वापस भजेगा। सभी दस्तावेज पूरे होने पर पटवारी को फाइल अप्रूव कर सरपंच की आईडी पर फॉरवर्ड पर करना होगा। आवेदक द्वारा सभी औपचारिकता पूरी होने के बाद किसी भी स्तर पर काम को रोका नहीं जा सकेगा। इधर सब रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा भी कृषि भूमि की रजिस्ट्री करने के दौरान ही सभी दस्तावेज स्कैन कर संबंधित तहसील कार्यालय को हार्डकॉपी भेजी जाती है। राजस्व विभाग द्वारा रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकृत होने वाले दस्तावेज को ऑनलाइन तहसील कार्यालय में भेजने के आदेश पहले से हैं। अभी नए आदेश में ऑनलाइन म्यूटेशन दर्ज करने के लिए पटवारी से लेकर तहसीलदार तक की भूमिका के साथ समय सीमा भी निर्धारित की है। इसकी पालना के लिए तहसीलदार को निर्देशित किया गया है।
कैसे होगा ऑटोमेटिक रजिस्ट्रेशन
आवेदक अपना खाता पोर्टल या ई-धरती पर दस्तावेज अपलोड करेगा। जो संबंधित पटवार मंडल के पटवारी की आईडी पर प्रदर्शित होंगे। रजिस्ट्रेशन के पांच दिन के अंदर पटवारी को सभी दस्तावेजों की जांच कर सरपंच की आईडी पर फॉरवर्ड करना होगा। पटवारी पांच दिन तक आवेदन की फाइल को पेंडिंग रखता है तो पांच दिन ऑटोमेटिक स्वीकृत होकर ग्राम पंचायत के सरपंच की आईडी पर फॉरवर्ड हो जाएगी। सरपंच के पास निस्तारण के लिए 20 दिन का समय होता है। सरपंच 20 दिन तक फाइल की निस्तारण नहीं करता है तो वह स्वतः ही स्वीकृत होकर तहसीलदार की आईडी पर फॉरवर्ड हो जाएगी।