जयपुर। सांसद राजकुमार रोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक महत्वपूर्ण पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने राज्य स्तर पर एवं डूंगरपुर-बांसवाड़ा के समग्र विकास के लिए 21 विशिष्ट मांगें रखी हैं, जिन्हें बजट सत्र 2024-25 में शामिल करना है। यह पत्र डूंगरपुर-बांसवाड़ा के विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।
सांसद राजकुमार रोत ने अपने पत्र में बताया है कि आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं की स्थिति सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह इन क्षेत्रों में विशेष प्राथमिकता देकर वांछित संसाधनों को सुनिश्चित करें। यह कदम सांसद रोत की अपने संसदीय क्षेत्र बांसवाड़ा-डूंगरपुर की आम जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को स्पष्ट करता है। बजट सत्र 2024-25 के लिए जो प्रस्ताव भेजे हैं, वो निम्नानुसार है –
1. अनुसूचित क्षेत्र (शिड्यूल एरिया) में संविधान के अनुच्छेद 244(1) की मूल भावना के अनुसार आरक्षण व्यवस्था को लागू किया जाए।
2. प्रशासनिक सेवाओं में 12% एसटी वर्ग को मिल रहे आरक्षण में अनुसूचित क्षेत्र के एसटी वर्ग के लिए प्रथक से 6% आरक्षण व्यवस्था की जावे।
3. अनुसूचित क्षेत्र (शिड्यूल एरिया) में पैसा एक्ट एवं रूढ़ीगत ग्राम सभा 13 3(क) को प्रभावी किया जावे।
4. मानगढ़-माही-कडाणा-त्रिपुरा सुन्दरी एवं बेणेश्वर को ट्राईबल टूरिस्म के नाम से विकसित किया जावे एवं इसका संचालन 100% स्थानीय लोगों की समितियां बनाकर करवाया जावे
5. रीट शिक्षक भर्ती 2018 में लेवल-2 के रिक्त रहे 1167 पदों को अनुसूचित जनजाति के पात्र अभ्यर्थियों से भरा जावे।
6. स्वच्छ परियोजना द्वारा संचालित मां-बाड़ी केन्द्रों पर लगे शिक्षा सहयोगियों को प्रक्रियाधिन TAD कैडर में सम्मिलित कर स्थायीकरण किया जावे।
7. TAD द्वारा संचालित छात्रावासों में वार्डन, शिक्षक एवं
zअन्य कार्मिकों को शिक्षा विभाग से प्रतिनियुक्ति पर लेने के बजाए TAD का अलग कैडर बनाकर समस्त पदों पर भर्ती की जावे।
8. अनुसूचित क्षेत्र में समस्त प्रकार के खनन पट्टों में 100% स्थानीय को वरियता देने का प्रावधान किया जावे।
9. बांसवाड़ा-डूंगरपुर में आदिवासी सांस्कृतिक केन्द्र एवं संग्राहलय की स्थापना की जावे।
10. आदिवासी क्षेत्र में बढ़ती बेरोजगारी को रोकने के लिए कुटीर उद्योगों को बढ़ावा हेतु सब्सिडी युक्त ऋण की व्यवस्था की जावे।
11. अनुसूचित क्षेत्र में अंग्रेजी शराब को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जावे।
12. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में SC समुदाय के अभ्यर्थियों के लिए 40% की बाध्यता को हटाकर पात्रता की जावे।
13. माही नदी के अन्तर्गत बने टापुओं की जो ऑक्शन प्रक्रिया चल रही है उसे तुरन्त रोका जावे और साथ ही राज्य सरकार की मदद से टापुओं को संबंधित ग्राम पंचायत के निवासियों की समितियों के द्वारा टुरिस्ट के रेस्टोरेंट के रूप में संचालित करवाने की घोषणा की जावे।
14. अनुसूचित क्षेत्र में कई वर्षो से आदिवासी समुदाय बिलानाम वन विभाग एवं अन्य सरकारी भूमि पर काबिज है, उन्हें विशेष अभियान चलाकर कब्जे शुदा समस्त भूमि का खातेदारी हक दिलाने की घोषणा की जावे।
15. आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनुसूचित क्षेत्र के समस्त ब्लॉक मुख्यालय पर कोचिंग एवं लाईब्रेरी बनाने के लिए 5-5 करोड़ की घोषणा की जावे।
16. आदिवासी क्षेत्र में बढ़ते कुपोषण को रोकने के लिए राज्य सरकार के द्वारा विशेष पैकेज जारी किया जावे।
17. आदिवासियों के महाकुंभ के नाम से प्रख्यात बेणेश्वर धाम (बेणका) पर आदिवासी के नाम से 80% जमीन आरक्षित कर विकास करवाने की घोषणा की जावे।
18. आदिवासी समुदाय की ऐहितासिक पृष्ठ भूमि, परम्परागत साधन, संस्कृति, बोली, भाषा, कला एवं साहित्य के संरक्षण हेतु बांसवाड़ा-डूंगरपुर में आदिवासी सांस्कृतिक एवं कला केन्द्र खोला जावे।
19. अनुसूचित क्षेत्र में असंवैधानिक तरीके से EWS आरक्षण व्यवस्था जो लागु की गयी है, उसे रोककर अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत OBC को पृथक जनगणना करके संवैधानिक प्रावधानों के तहत आरक्षण व्यवस्था लागु की जावे।
20. डूंगरपुर-बांसवाड़ा में रहने वाले अल्पसंख्यक वर्ग (मुस्लिम) की बालक/बालिकाओं के शिक्षा स्तर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आवासीय विद्यालय खोले जावे।
21. राज्य सरकार के कर्मचारियों हेतु ओ.पी.एस. (ऑल्ड पैंशन स्कीम) को यथावत् लागु की जावे।
सांसद राजकुमार रोत का यह प्रयास इस आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की आवश्यकताओं और उनकी समस्याओं को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। साथ ही प्रदेश की सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह इन मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करेगी और इस बजट सत्र में सम्मिलित करेगी,
ताकि इस क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके और यहां के लोगों को बेहतर जीवनयापन के अवसर प्राप्त हो सकें।
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