डूंगरपुर। डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज को एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन) से फाइनल मंजूरी मिल गई है। एनएमसी की ओर से गिनाई गई 6 में से 4 कमियों को पूरा कर दिया है। जबकि बची 2 कमियों के लिए मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल की ओर से अंडरटेकिंग दी गई है। जिसे एमएमसी ने मान लिया है। एनएमसी के अधिकारियों ने आज शुक्रवार को प्रिंसिपल के साथ वर्चुअल मीटिंग में फाइनल मंजूरी दे दी है।
डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज में पांच साल का समय पूरा हो गया है। इस साल 100 एमबीबीएस स्टूडेंट के डॉक्टरी की पढ़ाई भी पूरी हो गई है। ऐसे में एनएमसी की फाइनल मंजूरी के बाद ही स्टूडेंट को एमबीबीएस की डिग्री मिलनी है। मेडिकल एजुकेशन बोर्ड के डायरेक्टर शंभूशरण कुमार ने 2 मई को लेटर जारी कर मेडिकल कॉलेज में 6 कमियां गिनाई। इन कमियों को पूरा करने तक फाइनल मंजूरी अटकी हुई थी। एमबीबीएस फाइनल ईयर के 100 स्टूडेंट को भविष्य को देखते हुए प्रिंसिपल डॉ महेश पुकार ने कमियों को पूरा करने के प्रयास शुरू कर दिए। प्रिंसिपल डॉ महेश पुकार ने बताया की रेजिडेंट डॉक्टरों के खाली पदो को भर दिया गया है। आर्थोपेडिक डिपार्टमेंट में आईपीडी मरीजों की संख्या में भी अब बढ़ोतरी हुई है। पैथोलॉजी डिपार्टमेंट में रियेजेंट के ऑर्डर कर दिए है। वही स्टूडेंट होस्टल में पानी की समस्या को दूर कर लिया है। टीचिंग फैकल्टी की कमी के लिए एमएमसी को एक अंडरटेकिंग दिया है। जिसे सरकार की ओर से जल्द भर्ती प्रक्रिया से खाली पदों को भरने का हवाला दिया गया। जिसे एनएमसी ने मान लिया है। इसके बाद एनएमसी ने फाइनल मंजूरी जारी कर दी है।
मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ महेश पुकार ने बताया की एनएमसी के अधिकारियों ने आज शुक्रवार को वर्चुअल मीटिंग में फाइनल मंजूरी की जानकारी दी। इसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन में खुशी का माहौल है। वही मेडिकल एजुकेशन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन का भी धन्यवाद माना है। वही एमबीबीएस फाइनल ईयर पास हो चुके स्टूडेंट को एमबीबीएस की डिग्री मिल जायेगी। जिससे वे स्टूडेंट आगे डॉक्टरी कर सकेंगे। वही कई स्टूडेंट आगे पीजी की तैयारी भी कर सकेंगे।
पीजी की 2 पोस्ट के लिए मिली मंजूरी
एमबीबीएस के बाद डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज में पीजी के लिए भी मंजूरी मिल गई है। प्रिंसिपल डॉ महेश पुकार ने बताया की एनएमसी की और से फार्माकोलोजी में पीजी के लिए 2 पोस्ट मिली है। इससे इस साल से पीजी में प्रवेश भी शुरू हो जाएगा। वही पीएसएम की मजूरी अभी वेटिंग में है। जबकि इस साल ही क्लिनिकल में पीजी के लिए आवेदन किया जाएगा।